जानें क्या होता है कोलेस्ट्रॉल और इसके बढ़ने से क्यों आता है हार्ट अटैक

जानें क्या होता है कोलेस्ट्रॉल और इसके बढ़ने से क्यों आता है हार्ट अटैक

सेहतराग टीम

हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है लेकिन अगर यह मात्रा से ज्यादा हो जाए तो वह हमारे शरीर को हानि पहुंचाता है। वैसे इसके बारे में अधिकतर लोगों को नहीं पता होता है। इसलिए आजके समय में अधिकतर लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। वहीं आज हम आपको बताएंगे कि कोलेस्ट्रॉल होता क्या है?

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दरअसल शरीर में कुल कोलेस्ट्रॉल 200 mg/dL से कम होना चाहिए। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल 100 mg/dL से कम होना चाहिए, जबकि एचडीएल कोलेस्ट्रॉल 40 mg/dL से अधिक होना चाहिए। एलडीएल कोलेस्‍ट्रॉल की अधिकता संवहनी रोगों का कारण बन सकता है।

डॉक्टर और एक्सपर्ट की माने तो शरीर में कुछ रक्‍त वाहिकाओं (कोरोनरी धमनियां और कैरोटिड धमनियां) में कोलेस्‍ट्रॉल जमा हो जाते हैं। कोलेस्‍ट्रॉल के अत्‍यधिक जमाव के कारण प्रभावित क्षेत्रों में रक्त के प्रवाह में कमी हो सकती है; इस अवस्‍था में कोरोनरी धमनियां एनजाइना  का कारण बन सकता है, और कैरोटिड धमनियों के मामले में इस्‍केमिक अटैक या स्‍ट्रोक का कारण बन सकता है।

क्या हाई कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग का कारण बनता है:

डॉक्‍टर डोरा के अनुसार, कोलेस्ट्रॉल बढ़ना एक बड़े समीकरण (जिसे हम जोखिम कारक कहते हैं) का हिस्सा है, जिसमें उम्र, लिंग और अन्य स्वास्थ्य स्थितियां जैसे डायबिटीज, ब्‍लड प्रेशर, धूम्रपान या तंबाकू की आदत और गतिहीन जीवन शैली शामिल हैं। यह व्‍यक्ति को हृदय रोगों की ओर ले जाता है। लंबे समय तक हाई कोलेस्ट्रॉल  हृदय और मस्तिष्क को रक्‍त आपूर्ति करने वाली धमनियों को बाधित कर सकता है। इसलिए इस समस्‍या को रोकने के लिए इसका जल्द से जल्द इलाज किया जाना चाहिए।

हाई कोलेस्ट्रॉल स्वयं हृदय गति को प्रभावित नहीं करता है। हालांकि एक बार जब यह हृदय की धमनियों को प्रभावित करता है और दिल का दौरा पड़ता है और दिल की धड़कन कम हो जाती है, तो हृदय की गति बढ़ जाती है।

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हाई कोलेस्‍ट्रॉल के लक्षण क्‍या हैं

रक्त में कोलेस्‍ट्रॉल की अधिकता से होमोजिअस फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया हो सकता है, जो एक दुर्लभ विकार है। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल अक्सर 600 mg/dl से अधिक होता है। जीवन के पहले 10 वर्षों में आंखों के कोर्निया के आस-पास और टेंडन में लिपिड जमा हो सकता है। जीवन के पहले और दूसरे दशक में मरीजों को हार्ट अटैक आ सकता है। जब बच्चा बड़ा होता और किशोरावस्था में कदम रखता है तब जेनेटिक वेरायटी में लिपिड उसकी त्वचा और कोर्निया में लिपिड जमा होने लगता है। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल लेवल 250 mg/dl से ज्यादा होता है। (कोलेस्‍ट्रॉल को नियंत्रित रखने के लिए रोजाना खाएं ये 6 सुपरफूड्स)

लक्षण मुख्य रूप से हृदय और मस्तिष्क की आपूर्ति करने वाली धमनियों में कोलेस्ट्रॉल के जमा होने के कारण दिखाई देते हैं, जिनमें शामिल हैं:

आंखों के आसपास पीले रंग के चकत्‍ते या दाने, जिन्‍हें एक्सथामस( Xanthomas) कहते हैं।

कुछ ऐसे लोग जो मोटे होते हैं और जिन्‍हें मधुमेह होता है उनमें कोलेस्‍ट्रॉल उच्‍च होता है।

आप रक्‍त की जांच कर कोलेस्‍ट्रॉल के उच्‍च स्‍तर का पता लगा सकते हैं।

कोलेस्ट्रॉल लेवल को क्‍या प्रभावित करता है:

कोलेस्ट्रॉल मुख्य रूप से लिवर में मौजूद एंजाइम द्वारा संश्लेषित (Synthesized) होता है। आंशिक रूप से यह बाहर के भोजन से आता है। आनुवंशिक प्रोफ़ाइल यह तय करती है कि एंजाइम कितने सक्रिय हैं। शरीर में एंजाइम संश्लेषण प्रक्रिया को रोकने के लिए दवाएं हैं, जैसे: स्टैटिन।

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हाई कोलेस्ट्रॉल का इलाज कैसे किया जाता है:

डॉक्‍टर संतोष कुमार डोरा कहते हैं, "कोलेस्ट्रॉल मुख्य रूप से पशु आधारित खाद्य पदार्थ अर्थात मांस और अंडे की जर्दी आदि में मौजूद होता है। इस प्रकार कोलेस्ट्रॉल युक्त खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। शरीर में कोलेस्ट्रॉल के संश्लेषण को रोकने के लिए स्टैटिन जैसी दवाएं दिए जाने की आवश्यकता है। इसे एक्‍सपर्ट की सलाह के बगैर नहीं लेना चाहिए।

 

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